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मध्यप्रदेश में चुनावी रण लगभग सज गया है,भाजपा ने 228 और कांग्रेस ने 229 चुनावी सिपाही को मैदान में उतार दिया है,लेकिन इसके साथ ही टिकट को लेकर कलह भी तेज हो गया है,वही दोनो पार्टी की स्थिति अनकंट्रोल हो गई हैं,हालांकि डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा है,परंतु कोई सुनने को तैयार नहीं है,पूरे प्रदेश में भाजपा कांग्रेस में इस्तीफों का दौर तेज होने के साथ बागी बन कर भी मैदान में उतर गए हे।
भाजपा कांग्रेस में कद्दावर हुए बागी नेता
भाजपा कांग्रेस ने विधान सभा के टिकट क्या बांटे उल्टे गले की हड्डी बन गए हे,पूरे प्रदेश में दोनो ही संगठन में बगावत की बाढ सी आ गई है,वही मालवा में भी बागियों ने भाजपा कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी की हवा निकाल दी हे,पूरे मालवा में अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के ही पदाधिकारी बागी बन कर अपनी ही पार्टी के लिए नासूर बन गए है।
भाजपा कांग्रेस के पदाधिकारी ही हुए अपने पार्टी के खिलाफ
मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव को लेकर टिकट संगठन ने सर्वे के आधार पर वितरण किया गया था परंतु उक्त सर्वे भी बागियों को रास नहीं आते हुए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ लड़ने का फैसला कर चुके है,झाबुआ विधानसभा में भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी भानू भूरिया के खिलाफ पार्टी के ही जिला महामंत्री सोमसिंह सोलंकी ने ताल ठोक देते हुए भाजपा संगठन को चुनौती देदी है तो जिला पंचायत सदस्य शैलेंद्र सोलंकी भी फार्म लेकर भाजपा की मुसीबत और बड़ा दी हे,वही झाबुआ विधान सभा में कांग्रेस से अधिकृत उम्मीदवार डा विक्रांत भूरिया को बनाया गया वहा भी झाबुआ के पूर्व विधायक रहे जेवियर मेड़ा ने भी बगावत करते हुए आप पार्टी से चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है,पेटलावद विधानसभा की बात करे तो भाजपा द्वारा अधिकृत प्रत्याशी निर्मला भूरिया को बनाया था वही कल जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी ने फार्म लेकर भाजपा की मुसीबत बड़ा दी,दूसरी और कांग्रेस ने अपना अधिकृत प्रत्याशी वालसिंह मेड़ा को बनाया था उनके सामने कांग्रेस के ही कद्दावर नेता और जिला पंचायत उपाध्यक्ष अकमाल मालू ने कांग्रेस को जोर का झटका दे दिया,थांदला में भाजपा ने अजजा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाभर को मैदान में उतारा है,थांदला में टिकट मिलने के बाद ही कलसिंह भाभर का विरोध शुरू हो गया वही अभी किसी की भी फार्म लेने की सूचना नही मिली हे परंतु सूत्रों की माने तो विरोधियों द्वारा फॉर्म जरूर भरा जाएगा।
भाजपा कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ बागियों का विद्रोह,संगठन असमंजस में
भाजपा कांग्रेस में बगावत और विद्रोह को देखकर दोनों पार्टियों के रणनीतिकार असमंजश में पड़ गए हैं यही नहीं पार्टियों को डर सताने लगा है कि ये बगावत और विद्रोह कहीं उनका गणित नही बिगाड़ दे,दरअसल, भाजपा और कांग्रेस में टिकट न मिलने के बाद विद्रोह और बगावत होने से दोनो संगठनों के रणनीति कारो के ऊपर से जा रहीं है।
आरोप-प्रत्यारोप तेज,भाजपा-कांग्रेस में डैमेज अनकंट्रोल
विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा और टिकट कटने से नाराज नेताओं के बगावत के बाद नेताओं में जुबानी जंग भी तेज हो गई है,पार्टी को चुनाव में होने वाली क्षति भाजपा और कांग्रेस के लिए रोड़ा बनेगी,वही भाजपा कांग्रेस नेताओं द्वारा अपने ही संगठन के खिलाफ बोलते हुए नजर आ रहे है,वही भाजपा कांग्रेस में हर बार कहा जाता हे की हमारी पार्टी में डेमेज कंट्रोल के माध्यम से रूठे को मना लिया जाता हे परंतु इस बार बागियों की बाढ से दोनो संगठन के लिए डेमेज कंट्रोल अब अनकंट्रोल बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
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