भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वोट बैंक को पुख्ता करने की कवायद जारी है, कोई वर्ग नाराज न रह जाए इसके प्रयास निरंतर बने हुए है।
विपक्षी दल कांग्रेस जहां वादे कर रहा है तो सत्ताधारी दल भाजपा योजनाओं के जरिए सीधे राशि खातों में पहुॅचाने कोई कसर नहीं छोड़ रहा। अब राज्य में युवाओं को लुभाने को शिवराज सरकार ने सीखो और कमाओ योजना के पंजीयन की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं को कौशल विकास के साथ ही लर्न एंड अर्न की तर्ज़ पर ऑन जॉब ट्रेनिंग की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की लागू की है।
मुख्यमंत्री मंगलवार चार जुलाई को इस योजना में युवा आवेदकों के पंजीयन की प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री चौहान भोपाल के रवींद्र भवन में होने वाले कार्यक्रम में युवाओं से संवाद भी करेंगे। सियासी तौर पर राज्य में पहली बार मतदान करने वाले वोटरों का खासा महत्व है। इनमें अधिकांश वे लोग है जिनकी आयु 18 से 22 वर्ष के बीच है।
अनुमान के मुताबिक ऐसे युवाओं की संख्या 40 लाख से उपर हो सकती है, क्योंकि 18 से 21 की आयु के मतदाताओं की संख्या 30 लाख है। इस योजना में 18 से 29 साल तक के युवाओं को लाभार्थी बनाया गया है, स्पष्ट है कि इससे लाभावितों के दायरे में आने वाले युवाओं की संख्या 50 लाख से अधिक होगी। इस तरह एक तरफ जहां आधी आबादी महिलाओं को लुभाने की कोशिश हो रही है, वही किसानों को सुविधाएं दी जा रही है और अब पढे लिखे युवाओं पर दाव चला गया है।
इस योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाइपेंड की व्यवस्था की गई है। युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम चरण में एक लाख युवाओं को रोज़गारोन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को आठ हज़ार से 10 हज़ार रूपये प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अथवा फ़ॉर्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है।
इस योजना में देश एवं प्रदेश के ऐसे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पात्र होंगे, जिनके पास पैन और जीएसटी पंजीयन है। अब तक लगभग 10 हज़ार 429 प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया जा चुका है। इनमें 23 अन्य राज्य के प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। प्रतिष्ठानों द्वारा लगभग 34 हज़ार 690 वेकेन्सी(प्रशिक्षण की सीट) क्रिएट की जा चुकी है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में 18 से 29 वर्ष आयु तक के मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी युवा पात्र हैं, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च है। चयनित युवा छात्र, प्रशिक्षणार्थी कहलाए जाएंगे। प्रत्येक कोर्स के लिए देय स्टाइपेंड का निर्धारण प्रावधानित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया गया है।
इसमें 12वीं या उससे कम कक्षा उत्तीर्ण युवाओं को 8 हज़ार रूपये प्रतिमाह, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को नौ हज़ार तथा स्नातक उत्तीर्ण अथवा इससे उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले प्रशिक्षणार्थी युवाओं को 10 हज़ार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा।
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