जीएसटी में ईडी का हस्तक्षेप व्यापार जगत को भयग्रस्त करने की कोशिश
कटनी कांग्रेस उद्योग एंव व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने माननीय राष्ट्रपति के नाम कटनी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ कटनी के जिलाद्य्क्ष रौनक खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी कानून की पेचीदगियों से व्यापारी बेहाल है और अब सरकार उद्योग एंव व्यापार जगत को भयग्रस्त करने में जुटी है।
भाजपा सरकार व्यापारियों को जो देश की अर्थव्यवस्था के नीवं के पत्थर है उन्हें चोर-डाकू क्यों साबित करना चाहती है।
म.प्र. कॉंग्रेस उद्योग एंव व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्य्क्ष अजय चौरड़िया जी के निर्देशन पर सोमवार को कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने अन्य कांग्रेस जनों के साथ जाकर कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद जी से बात कर माननीया राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग रखी कि जीएसटी नेटवर्क को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(पी.एम.एल.ए) में शामिल करना अनुचित है।
एक्ट के इस संशोधन को तत्काल वापस लेते हुए निरस्त करना चाहिए।
देश में लगभग देढ़ करोड़ व्यापारी जीएसटी जमा करते हैं जिनमें से अधिकांश छोटे व्यापारी हैं जिनका टर्नओवर वार्षिक 1 करोड़ रुपए से कम है। यूं भी यह धारणा बनती रही है कि ED जैसी एजेंसी का उपयोग राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जाता रहा है। व्यापार करना और GST की गलतियां आपराधिक कृत्य नहीं मानी जा सकती। सरकार के हर ऐसे कदम का व्यापारी जगत विरोध करता है।
जबकि जीएसटी एक्ट में कार्रवाई के अधिकार और पर्याप्त शक्तियां विभाग के पास मौजूद है तो इसे ईडी को व्यवसाय की गतिविधियों में शामिल कर व्यापार जगत को भयग्रस्त करना अनुचित ही नहीं अन्यायपूर्ण कृत्य है।
जीएसटी नेटवर्क को अब प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) से जोड़ दिया गया है ईडी को अधिकार दे दिया गया है कि वह जीएसटी के डाटा के आधार पर कार्रवाई करे।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पीएमएल एक्ट-2002 में संशोधन कर जीएसटी नेटवर्क शब्द को शामिल कर लिया है।
पीएमएल एक्ट तो अब तक देशद्रोह, अपराधों, ड्रग्स और अवैध आपराधिक तरीकों से धन कमाने के मामले में लगता रहा है। स्पष्ट है कि सरकार ऐसे गंभीर अपराधियों और देशद्रोहियों के तराजू में व्यापारियों को तोल रही है। हम केंद्र सरकार द्वारा उठाए इस कदम की न केवल निंदा बल्कि विरोध करते हैं । जीएसटी को किसी भी तरीके से पीएमएलए में शामिल नहीं किया जाना चाहिये। सरकार इस निर्णय को वापस ले।
अंत मे प्रकोष्ठ के तमाम पदाधिकारियों ने कहा की
मप्र कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ इस निर्णय को वापस लेने की मांग करता है।
इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता तो जिला, प्रदेश एवं देश स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से बड़वारा विधायक बसंत सिंह, जिला शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विक्रम खमरिया, कांग्रेस प्रदेश महासचिव प्रियदर्शन गौर, प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि आशुतोष दीक्षित , महिला कांग्रेस अध्यक्ष रजनी वर्मा , महिला कांग्रेस प्रदेश सचिव सुमन रजक , असंगठित कामगार कांग्रेस अध्य्क्ष दीपक केसरवानी, कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ मुड़वारा विधानसभा अध्यक्ष राहुल होतवानी , उपाध्यक्ष अमित कटारे, विनोद डेंगरे, अमर जादवानी, नितिन चोपड़ा, संतोष कंदेले गोपी, कोषाध्यक्ष सोनू मनवानी, मीडिया प्रभारी मुकेश छत्तानी, कांग्रेस कार्यकर्ता विकल पुरुस्वानी, मनोज बाझल, बाली गुप्ता एवं अन्य कांग्रेस जन मौजूद थे।
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