गाइडो के प्लानिंग के तहत घेरा गया था बजरंग
विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नर बाघ घेरने का एक सनसनी खेज मामला सामने आया है जो मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा है जिसमे प्रबंधन की खुले आम लापरवाही सामने साबित हो रही है वायरल हो रही फोटोज/विडियो मे बाघ पर्यटक वाहनों के काफी नजदीक से फोटो ग्राफी करायी गयी हद तो जब हो गयी की बाघ और वाहन की दूरी लगभग 5 फीट की रह गयी थी। जिसमे मामले मे वन विभाग ने जिप्सी संचालको के विरूद्ध टाइगर रिजर्व प्रबंधन प्रकरण भी दर्ज किया है जिसमे पूरी संलिप्ता चालको व पर्यटको के जानकारी के मुताबिक पूर्ण तरह से गाइडो की है।
सफारी के नाम पर कुछ जिप्सी चालक व कुछ गाइड नियमो का मखौल उडा रहे है ऐसा ही मामला बांधवगढ टाइगर रिजर्व मे दिनांक 12/12/2023 को ताला जोन शाम की पारी मे जमुनिया रप्टा के पास देखा गया। सुबह की पारी से लेकर शाम तक कुछ फुलडे मे रही गाडियो ने सुबह देखे गये नर बाघ बजरंग के इं तजार मे शाम को भी जमुनिया रप्टा पर एकत्रित रही जब बाघ अपने विश्राम स्थल से निकलकर अपने ऐरिया का भ्रमण करना चाहा उपरोक्त दौरान मौके पर मौजूद गाइडो के द्वारा गाडियो से बाघ के जाने वाले मार्ग को अवरूद्ध कर दिया गया।
कैसे हुई बाघ को घेरने की प्लानिंग
उपरोक्त मामला पर विविध हो की दिनांक 12/12/2023 को सुबह की पारी ताला जोन मे बजरंग उपरोक्त स्थान पर देखा गया था जिसमे गाइडो के द्वारा संचालित जंगल सफारी अपडेट ग्रुप मे साइटिंग का अपडेट पूर्ण तरह से लोकेसन के साथ खुलासा रूप मे किया गया था ठीक सुबह की भांति शाम को भी पर्यटको के साथ भ्रमण पर गए वैकल्पिक गाइड व वैकल्पिक वाहन चालको के द्वारा मोबाइलो से संपर्क कर अपने गु्रप के सभी लोगों को एकत्रित किया गया। मौके पर एकत्रित लोगों ने सभी नियम दर किनार करते हुये बाघ के मार्ग को अवरूद्ध कर दिया। जिस पर कई पर्यटको के द्वारा गाइड व वाहन चालको के ऊपर काफी नाराजगी जताते हुये बाघ को मार्ग खुले रहने का आवाज दी और फोटो और विडियो ग्राफस भी पर्यटको ने बनाया।
प्रबंधन की लापरवाही
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे कई बार ऐसी घटना देखने को मिली है फिर भी प्रबंधन नई घटना का इंतजार करते रहता है प्रबंधन को कई बार पर्यटको व कुछ स्थानीय जनो के द्वारा कुछ गाइड चालको के बारे मे जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी कि कुछ वैकल्पिक गाइउ जिसका संचालन राज पत्र नियम से हट कर प्रबंधन करावा रहा है जो लोग चंद पैसो के लिए वन्य प्राणियो के जीवन से खिलवाड करते है जिस पर प्रबंधन के पास शिकायत भी दर्ज करायी गयी किन्तु प्रबंधन रसूखदारो के दबाव मे आकर राजपत्र मे पारित नियम को दर किनार करते हुये वैकल्पिक गाइड व्यावस्था लागू किया है।
जी.पी.एस बना लालीपॉप
उपरोक्त मामले पर विविध हो कि भारत सरकार द्वारा वन्य प्राणी व बाघ सुरक्षा हेतु कई लाखो के रूपये से जी.पी.एस. बघिरा एप यंत्र क्रय किया है जिसमे समस्त वाहनो की परिस्थितिया व लोकेसन कैद होगी, किन्तु प्रबंधन के द्वारा घटिया सामग्री बघिरा एप क्रय किया गया है जिसमे किसी प्रकार का कोई रिकार्ड नही होता न उपरोक्त यंत्र डाटा के आधार पर कोई कार्यवाही नही हो सकती है।
लोगों पर दबाव
सम्बन्धित दिनांक घटना के संम्बध मे कुछ स्थानीय जन व स्थानीय मीडिया के द्वारा मामले का खुलासा भोपाल स्तर के अधिकारियो तक साक्ष्य पहुचाकर किया गया है जिस पर वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा गम्भीरता पूर्वक संज्ञान भी लिया गया है जिससे परेशान होकर प्रबंधन व गाइडो के द्वारा स्थानीय मिडिया के लोगो व वन्य जीव प्रमियों के ऊपर मामला व साक्ष्य को दबाए रखने के लिए भरपूर तरीके से दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। जिसमे प्रबंधन बाघ के घेर गए आरोपियो पर कार्यवाही के वजह उपरोक्त आरोपियो से झूठी मनगढंत शिकायते वन्य जीव प्रेमी व मीडिया के प्रति लेकर अनावश्यक बिना सबूत के नोटिस भी जारी कर रही है जिस पर स्थानीय मिडिया व वन्य जीव प्रेमी मे प्रबंधन के प्रति आक्रोष की भावना झलक रही है।
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