समिति स्तर पर आज होगा पात्र किसानों की सूची का प्रकाशन
कटनी, 13 मई, 2023। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के मुताबिक राज्य शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समीतियों के डिफाल्टर कृषकों पर बकाया कालातीत फसल ऋणों के ब्याज माफ किये जाने हेतु मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना – 2023 का क्रियान्वयन शनिवार 13 मई से प्रारंभ हो गया। योजना के तहत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंको से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के ऐसे कृषक जिन पर 31 मार्च 2023 की स्थिति में मूलधन एवं ब्याज सहित कुल देयतायें 2 लाख रूपये तक है और जो डिफाल्टर हैं उनकी सूची समिति स्तर पर शनिवार 13 मई को प्रकाशित की जायेगी और 14 मई से इन किसानों से आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना का लाभ डिफाल्टर कृषकों की सूची में शामिल किसानों को आवेदन करने पर ही दिया जायेगा। डिफाल्टर किसानों की कुल देयताओं में अल्पकालीन एवं मध्यकालीन परिवर्तित ऋण को शामिल किया जायेगा।
राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार शनिवार को पात्र किसानों की सूची समिति स्तर पर प्रकाशित की जा रही है। किसानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया रविवार 14 मई से प्रारंभ की जायेगी तथा आवेदकों का समिति स्तर परिक्षण एवं पोर्टल पर प्रविष्टि 18 मई से की जायेगी। राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये है तथा योजना का व्यापक प्रचार -प्रसार करने के निर्देश दिये गये है। मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना का लाभ किसानों को मिलेगा
आज होगा पात्र कृषकों की सूची का प्रकाशन
मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना – 2023 का क्रियान्वयन पारदर्शी प्रक्रिया अनुसार किये जाने हेतु डिफाल्टर कृषकों की सूची में यूनिक नम्बर (सरल क्रमांक) के साथ कृषक का नाम, उस पर बकाया मूलधन एवं माफ की जाने वाली ब्याज राशि का विवरण बैंक स्तर पर यूटिलिटी पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक किया जायेगा।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा अपेक्स बैंक यूटिल्रिटी पोर्टल से कृषकों की सूची डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकाला जायेगा। समिति प्रबंधक द्वारा उस सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर समिति की सील सहित हस्ताक्षर किया जायेगा और उसका प्रकाशन 13 मई को समिति कार्यालय के सूचना पटल पर किया जायेगा।
पात्र किसानों से भरवाये जायेंगे आवेदन
योजना में लाभ प्राप्त करने हेतु सूची में शामिल कृषकों के आवेदन एवं स्व-घोषणा पत्र भरे जायेंगे। योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को प्राप्त होगा जिनके द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन भरे जायेंगे। निर्धारित आवेदन प्रपत्र पैक्स समिति अथवा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की किसी भी शाखा से कृषक को नि:शुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे। आवेदन पत्र की स्थानीय स्तर पर भी प्रिंट अथवा फोटोकॉपी कराई जा सकेगी। आवेदन फार्म भरवाने हेतु आवेदक कृषक से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। आवेदन फार्म प्राप्त होने की पावती भी दी जायेगी।
समिति प्रबंधक प्राप्त आवेदनों का परीक्षण प्रकाशित सूची एवं समिति के रिकार्ड के आधार पर करेंगे तथा उनके प्रत्येक आवेदन पत्र की जानकारी को यूटिलिटी पोर्टल में प्रविष्टि की जायेगी। आवेदन की पोर्टल में प्रविष्टि हेतु कृषक से कोई भी शुल्क नहीं लिया जायेगा। समिति प्रबंधक द्वारा परीक्षण उपरांत स्वीकृत प्रकरणों में ब्याज दावे की प्राप्ति हेतु प्रस्ताव जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुख्यालय को प्रेषित किया जायेगा।
किसान कर सकेंगे दावे – आपत्ति
समिति द्वारा स्वीकृत अथवा अस्वीकृत प्रकरणों के विरूद्ध कृषकों दूवारा आपत्ति की जा सकेगी। कृषक अपनी आपत्ति समिति के मुख्यालय में दे सकेंगे। जिले में प्राप्त आपत्तियों को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा संकलित कर जिलास्तरीय क्रियान्वयन समिति में प्रस्तुत कर निराकरण कराया जायेगा तथा जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति के निर्णय अनुसार समिति द्वारा कार्यवाही की जायेगी।
लाभान्वित कृषकों को जारी होगा *डिफाल्ट मुक्ति प्रमाण-पत्र*
ब्याज माफी का लाभ प्राप्त करने वाले कृषकों को डिफाल्ट मुक्त होने का प्रमाण-पत्र भी समिति द्वारा जारी किया जायेगा।
लाभान्वित कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना अंतर्गत ऋण स्वीकृत कर पूर्व कालातीत बकाया मूलधन की राशि तक ऋण वितरण किया जा सकेगा।
नवीन ऋण वितरण अंतर्गत खाद का प्रदाय
योजनान्तर्गत लाभान्वित कृषकों को कृषि कार्य के लिए खाद उपलब्ध कराने की विशेष सुविधा दी जायेगी। जितनी राशि कृषक अपने ऋण खाते में नगद जमा करेंगे, उतनी राशि तक का खाद समिति से ऋण के रूप में कृषक प्राप्त कर सकेंगे।
इन्हे नहीं मिलेगा लाभ
सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के अध्यक्ष अथवा महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, समस्त आयकरदाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर समस्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारी तथा निगम, मण्डल, अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर 15 हजार रूपये प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता, जीएसटी में 2 दिसम्बर, 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म के संचालक या फर्म के भागीदार इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे।
जिला स्तरीय समिति पर होगी प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी
योजना का प्रभावी क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग तथा पैक्स द्वारा स्वीकृत अथवा अस्वीकृत प्रकरणों के संबंध में प्राप्त आपत्तियों का निराकरण जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा। जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति में जिले के उप संचालक कृषि, उपायुक्त अथवा सहायक आयुक्त सहकारिता सदस्य होंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक समिति के संयोजक सदस्य होंगे। कलेक्टर द्वारा आवश्यकतानुसार अन्य अधिकारी को भी जिला स्तरीय समिति में शामिल किया जा सकेगा।
जिलें में योजना का समय-सीमा में क्रियान्वयन कराये जाने का दायित्व जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति का होगा। योजनान्तर्गत कृषकों के माफ की गयी ब्याज राशि के क्लेम पत्रक एवं विधिवत रिकार्ड का संधारण कराना अनिवार्य होगा, जिससे कि अंकेक्षण समय पर किया जा सके। डिफाल्टर किसानों के माफ की गयी ब्याज की राशि की नियमित समीक्षा करते हुये मासिक प्रतिवेदन आयुक्त सहकारिता को प्रस्तुत की करनी होगी।
जिला स्तर पर योजना का समय-सीमा में क्रियान्वयन कराने हेतु कलेक्टर के निर्देशन में जिले के उप अथवा सहायक आयुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कार्य करेंगे।
राज्य एवं संभाग स्तर पर योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग क्रमश: आयुक्त सहकारिता, अपेक्स बैंक, समस्त संभागीय संयुक्त आयुक्त एवं संभागीय शाखा प्रबंधक अपेक्स बैंक द्वारा की जायेगी। जिन प्रकरणों में वसूली बाबत वाद न्यायालय में लंबित है अथवा वसूली संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, यदि ऐसे प्रकरणों का इस योजनान्तर्गत निपटारे हेतु आवेदन प्राप्त होता है तो योजनान्तर्गत प्रकरण में निपटारे की कार्यवाही की जा सकती है। संस्था द्वारा संबंधित न्यायालय को इसकी सूचना देते हुये प्रकरण वापस लेने की कार्यवाही की जा सकेगी।
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