मानपुर बफर जोन क्षेत्र में लगातार हो रही है बाघों से ग्रामीणों की मौत

kamlesh yadav

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन क्षेत्र में फिर बाघ ने चरवाहे को उतारा मौत के घाट, उतारने के बाद शव को लेकर घूमता रहा बाघ, टाईगर रिजर्व प्रबंधन के नाक के नीचे लगातार हो रही है ऐसी घटनाओं पर नहीं कर पा रहा है काबू मानपुर बफर परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान वर्ष की दस से पंद्रहवी घटना।

 

उमरिया के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बार बाघ का तांडव देखने को मिला है घटना टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम मझखेता के समीप लगे जंगल मजहारि हार की है जहां मवेशी चराने गए चरवाहे प्रेम सिंह पिता बाबूलाल सिंह उम्र 65 वर्ष को बाघ ने हमला कर पहले मौत के घाट उतार दिया फिर उसका शव लेकर घंटो जंगल में घूमता व बैठा रहा ग्रामीणों को जब इसकी सूचना मिली तब वे जंगल की ओर दौड़े लेकिन बाघ की दहशत के कारण कोई भी बाघ और शव के समीप नहीं जा पा रहा था,घंटो ग्रामीणों के शोर शराबों के बाद बाघ ने मृतक चरवाहे के शव को छोड़ा तब जाकर ग्रामीणों को मृतक का शव मिला और उसके बाद मृतक का शव  लेकर ग्रामीण जंगल के बाहर मैदान की ओर पहुंचे, घटना की जानकारी के बाद से गांव में अफरा- तफरी का माहौल हो गया है और पूरे इलाके में ग्रामीणों के बीच दहशत बनी हुई है ।

पार्क प्रबंधन पूर्व में हुई कई घटनाओं के बाद भी  ग्रामीणों के सुरक्षा के प्रति शक्रिय नहीं

उपरोक्त पूरे मामले में पार्क प्रबंधन की एक बड़ी नाकामी उजागर हुई है मझखेता एवं आसपास के इलाकों में बीते छह माह से बाघों का आतंक फैला हुआ है और लगातार बाघ के हमले से मानपुर बफर जोन क्षेत्र में 10से 12 ग्रामीणों की

मौत हो चुकी हैं बावजूद इसके बाद भी प्रबंधन ने कोई ठोस उठाने करने की बजाय गहरी चीर निद्रा में लिन हुआ नजर आ रहा है पार्क प्रबंधन की नाकामी का ही उदाहरण है कि यहां बाघ के हमले से अब तक  दर्जन मौतें हो चुकी हैं, जिस पर ग्रामीणों के आक्रोश व मंत्री के आश्वासन के बाद भी बाघ की दहशत से लोगों को ग्रामीणों को निजात दिलाने के कोई ठोस उपाय प्रबंधन के द्वारा नहीं किया जा सका

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