भारत हो या राज्य सरकार कितना ही क्यों न ठोस व कठोर कदम वन व वन्य प्रणियों को बचाने के हित में उठाले किन्तु प्रबंधन व पूजीपतियो व रसूकदारो द्वारा कही न कही से वन व वन्य प्राणीयो के विनाश करवाने हेतु कोई न कोई जरिया बना ही लिया जाता है उपरोक्त मामले पर विविध हो कि अभी तक आप लोगो ने भारत के सभी टाईगर रिजार्व के कोर व बफर जोन के सीमाओ से सट कर कर्माशियल रिसोर्ट निर्माण का मामला सुना होगा लेकिन अब विश्व विख्यात बांधवगढ टाईगर रिजार्व में प्रचलित टाईगर सफारी जोन गेट नं 04 जो धमोखर वन परिक्षेत्र कंम्पाट मेंन्ट नं पीएफ146 बीट मरदरी के अंर्तगत आता है। जहाॅ दो से तीन बाघो का रहवाश स्थल है जो वर्तमान समय में पर्यटको के मन में समा चुका है जिस एरिये में स्थानीय नाम गौरी बाघीन व उसके शावक व दो अन्य नर बाघ देखे जाते है व उपरोक्त स्थान से कोर क्षेत्र की सीमा व गोहडी गेंट कोर सटे हुए है। जहाॅ मुख्य स्थल पर्यटको हेतु स्थानीयो के द्वारा अपनी जिविका चलाने हेतु रोजगार के तौर पर छोटी मोटी चाय,बिस्कुट की दुकानों का संचालन किया जाता है विविध हो कि उपरोक्त स्थल पर दुसरे प्रदेश के तथा कथित व्यक्ति द्वारा जामीन क्रय कर रिसोर्ट निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है जिस पर पुर्व के तत्कलीन अधिकारियो द्वारा रोक भी लगाया गया था जिसे देखकर पर्यटको व वन्य जीव प्रेमियो के अंदर आक्रोश है वही दुसरी ओर प्रबंधन ने हो रहे कार्य निर्माण के संबंध में विभाग ने पुर्ण तरिके से चुप्पी साध ली है वही दुसरी ओर स्थानीय जनो की मांग है कि सफारी जोन गेट नं 04 में हो रहे कार्य निर्माण को प्रबंधन तत्काल रूकवाए।
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